जिन्दगी की चाहत..


1. अचानक एक मोड़ पर सुख और दुःख की मुलाकात हो गई
             दुःख ने सुख से कहा,
          तुम कितने भाग्यशाली हो ,
               जो लोग तुम्हें पाने की कोशिश में लगे रहते हैं..
         सुख ने मुस्कराते हुए कहा,
         भाग्यशाली मैं नहीं तुम हो..
           दुःख ने हैरानी से पूछा : - "वो कैसे?
              सुख ने बड़ी ईमानदारी से जबाब  दिया,
वो ऐसे कि तुम्हें पाकर लोग अपनों को याद करते हैं ,
लेकिन मुझे पाकर सब अपनों को भूल जाते हैं।

 2. मैं खुश हूँ कि कोई मेरी..
 बात तो करता है...
बुरा कहता है तो क्या हुआ.
वो याद तो करता है .
कौन कहता हैं की नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता,
नही बस एक चोट की दरकार हैं,  
अगर ऊँगली पे लगी तो सिग्नेचर बदल जाएगा
और दिल पे लगी तो नेचर बदल जाएगा!!
Thanx...

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