जीवन की सच्चाई


1. ज़िंदगी तो सभी के लिए
    एक रंगीन किताब है ..!
            फर्क बस इतना है कि,
            कोई हर पन्ने को दिल से
           पढ़ रहा है; और
            कोई दिल रखने के लिए
            पन्ने पलट रहा है।
            हर पल में प्यार है
           हर लम्हे में ख़ुशी है ..!
           खो दो तो यादें हैं,
           जी लो तो ज़िंदगी है 

2.  जिसने दी है जिंदगी उसका,
साया भी नज़र नहीं आता,
यूँ तो भर जाती है झोलियाँ,
मगर देने वाला नज़र नहीं आता..
उनकी ‘परवाह’ मत करो,
जिनका ‘विश्वास’ “वक्त” के साथ बदल जाये..
‘परवाह’ सदा ‘उनकी’ करो,
जिनका ‘विश्वास’ आप पर “तब भी” रहे’
जब आप का “वक्त बदल” जाये.

3. मधुर वाणी बोलना
 एक मंहगा शौक है
जो हर किसी के बस की बात नहीं
अपने खराब मूड के समय
          बुरे शब्द ना बोलें,
     क्योंकि..
 खराब मूड को
 बदलने के बहुत मौके  मिलेंगें
      पर शब्दों को बदलने के मोके
              नहीं...मिलेंगे.!!!!
 माना दुनियाँ बुरी है
  सब जगह धोखा है,
 लेकिन हम तो अच्छे बने
    हमें किसने रोका है..

4. हीरा बनाया है ...
ईश्वर ने हर किसी को...
        पर चमकता वही है जो ...
     तराशने की हद से गुज़रता है...
       अच्छे लोगों की भगवान
        परीक्षा बहुत लेता है,
          परन्तु साथ नहीं छोडता,
       और
           बुरे लोगों को भगवान
              बहुत कुछ देता है,
          परन्तु साथ नहीं देता...

5. जीवन में "ऊपर" उठते समय सभी "लोगों" से "सलीके" से पेश आयें,

नीचे "गिरते" समय इन्हीं लोगों से दुबारा "मुलाकात"  होगी।
      
  6. कोई आपके लिए रूपये
               खर्च करेगा तो कोई
                समय खर्च करेगा,
             समय खर्च करने वाले
         व्यक्ति को हमेशा अधिक
              महत्व और सम्मान
                 देना क्योंकि...
           वह आपके पीछे अपने
           जीवन के वो पल खर्च
          कर रहा है जो उसे कभी
             वापिस नही मिलेंगे !!

              7. घमंड और पेट
                जब ये दोनों बढतें हैं.. 
          तब इन्सान चाह कर भी  
       किसी को गले नहीं लगा सकता..
      जिस प्रकार नींबू के रस की एक बूँद 
     हज़ारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है...
                     ...उसी प्रकार... 
                  मनुष्य  का  अहंकार
              भी अच्छे से अच्छे संबंधों को
                     बर्बाद कर देता है".!!
           
 8. जो सफर की
            शुरुआत करते हैं,
         वे मंजिल भी पा लेते हैं.
        बस,
            एक बार चलने का
         हौसला रखना जरुरी है.
            क्योंकि,
          अच्छे इंसानों का तो
      रास्ते भी इन्तजार करते हैं..

9. किसी ने  पूछा कि
"उम्र"  और  "जिन्दगी"  
 में क्या फर्क  है ?
 बहुत  सुन्दर  जवाब…
     जो  अपनों के बिना   बीती
     वो "उम्र" और
जो अपनों के साथ बीती
    वो "जिन्दगी"

10. जो ईशवर रात को
पेड़ों पर बैठे
परिंदो को नींद मे भी कभी
गिरने नही देता
वो ईशवर
इंसान को, कैसे
बेसहारा छोड़ सकता है
हाथ से किया हुआ दान
और
मुख से लिया
भगवान का नाम
कभी व्यर्थ नही जाता...!!
Thanks for watching the post...

कोई टिप्पणी नहीं:

dineshjieram292929@gmail.com

Blogger द्वारा संचालित.